कूड़ा
बीनने वाले से कहा ,
सुनो
लोकपाल बिल पास होने वाला है ,
मैली
कमीज में कापते हुए वह बोला ,
अब
तो बाबूजी मुझे कूड़ा नहीं बिनना पडेगा ,
एक
कृशकाय शरीर रिक्शा खीच रहा था ,
उसे
भी बताया लोकपाल बिल पास होने वाला है ,
बीडी
का कश लगाकर बोला ,
तब
तो , अब मुझे मजदूरी ज्यादा मिलेगी ,
कड़कती
ठण्ड में , कोहरे भरी रात में ,
पुराने
कम्बल में लिपटा फूटपाथ पर सोये ,
एक
बेघर को बताया , लोकपाल बिल पास हों वाला है
,
वह
बोला अब तो मुझे घर मिल जाएगा ,
में
सोच रहा था , लोकपाल इतनी बहस हो रही है ,
अन्ना
अनशन कर रहे है , नेता आपस में उलझ रहे है ,
लोकपाल
बी कैसा भी पास हो , कूड़ा बीनने वाला कूड़ा ही बीनेगा,
रिक्शा
वाला रिक्शा ही चलाएगा ,
घर
की आस में जीने वाला बेघर ही मर जायेगा ,
हाँ, लोकपाल बिल पास हो जायेगा
विनोद भगत
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