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बदल गए है संबंधों के अर्थ , अर्थ के लिए बन रहे है सम्बन्ध , व्यर्थ हो गए सभी सम्बन्ध , अर्थ है तो सम्बन्ध भी है , अर्थ का यह कैसा हु...
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मैं छूना चाहता हूँ , तुम्हें , कुछ इस तरह कि, छूने का अहसास , भी होने पायें तुम्हें , क्योंकि , तुम मेरी खामोश चाहत का , मंदिर...
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मैं नया नया इस शहर में आया था। पहली पोस्टिंग थी। बड़ी मुश्किल से एक कमरा मिला। उसमें भी कई प्रतिबंध नौ बजे बाद नहीं आओगे, लाइट फालतू नहीं जल...
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नमस्कार , मै समाजसेवक , आपकी सेवा के लिए सदा तत्पर , कहिये , आपकी क्या समस्या है , अरे हाँ आराम से , मेरे चमचमाते मार्बल के फर्श से बचन...
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मै स्वप्न खरीदने निकला , एक दिन , स्वप्नों के बाज़ार में , बड़ी भीड़ थी , ठसाठस भरे थे खरीदार , रंगीले स्वप्न , रसीले स्वप...
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आओ समाज को बदलें , आओ लोगो को बदलें , आओ सदाचार सिखाएं , आओ उपदेश दें , आओ सत्य का प्रचार करें , आओ दुनिया को नैतिकता का...
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ज़मीन नफ़रत की , और खाद मिलायी दंगों की , वोट की फसल पाने के लिए , हकीकत यही है सियासत में घुस आये नंगों की , सत्ता मिलते ही एकदम , ...
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पेट में उनके आग होती है , जिनके चूल्हे बुझे होते हैं , बुझे चूल्हे की आग पेट से , जब बाहर निकलती है , तब विकराल हो जाती है , चूल्हे...
Thursday 31 December 2020
भाईयों प्रेम से रहो
रमदा अपने कमरे में बैठे थे। दोनों बच्चे पढ़ रहे थे। बीच बीच में एक दूसरे को दोनों बच्चे चिढ़ा रहे थे। बात बढ़ गयी और दोनों भाई हाथापाई पर उतर आये थे। रमदा ने उन्हें समझाने की कोशिश की लेकिन दोनों भाई एक दूसरे के बाल खींच कर लड़ने लगे। रमदा ने दोनों को अलग किया और प्यार से समझाने लगे बेटा, भाइयों को आपस में प्यार से रहना चाहिए, भाईयों के बीच झगड़ा करना बुरी बात है इससे परिवार की हंसी उड़ती है समाज में। दोनों बच्चे ध्यान से पिता की बात सुन रहे थे और हाँ में सिर हिलाया जैसे पिता की बात समझ में आ गई थी। रमदा प्यार से दोनों बच्चों को देख रहे थे और खुश थे कि बच्चों को समझ में आ गया था।
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