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Friday 17 February 2012

स्याह होता इतिहास


भ्रष्टाचार ,बलात्कार , दुराचार ,
व्यभिचार , ह्त्या , डकैती ,
घोटाले छापते है , पहले पन्ने पर ,
उप्लबधियाँ , जनता का दुःख ,
आम आदमी की पीड़ा ,
जाननी हो तो पन्ने ,
पलटने पड़ते हैं अखबार के ,
गाँधी , मार्क्स सरीखे विचारक तो ,
अब विचारे हो गए ,
लादेन की खबर महत्वपूर्ण होती है ,
लादेन जैसों का अनजाने ही हो रहा महिमा मंडन ,
पाठको को क्या सही परोस रहे हम ,
चिंतन कौन करेगा ,
कलम की स्याही भी अब ,
डरावनी हो गयी ,
कलम ने ही इतिहास को संजोया था ,
कलम ने ही इतिहास का निर्माण भी किया था ,
इतिहास जो स्वर्णिम था ,
कलम आज भी इतिहास निर्मित कर रही ,
पर कैसा इतिहास , आज का कला ,
स्याह इतिहास , काला इतिहास ,
हमें अपने इतिहास पर आज गर्व है ,
चिंतन बस इतना कर लो ,
आने वाली पीडी भी भविष्य में ,
गर्व कर पायेगी ,
आज के इस वर्तमान पर ,
जो तब होगा उसके लिए इतिहास

विनोदभगत

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