भ्रष्टाचार ,बलात्कार , दुराचार ,
व्यभिचार , ह्त्या , डकैती ,
घोटाले
छापते है , पहले पन्ने पर ,
उप्लबधियाँ , जनता का दुःख ,
आम
आदमी की पीड़ा ,
जाननी
हो तो पन्ने ,
पलटने
पड़ते हैं अखबार के ,
गाँधी , मार्क्स सरीखे विचारक तो ,
अब
विचारे हो गए ,
लादेन
की खबर महत्वपूर्ण होती है ,
लादेन
जैसों का अनजाने ही हो रहा महिमा मंडन ,
पाठको
को क्या सही परोस रहे हम ,
चिंतन
कौन करेगा ,
कलम
की स्याही भी अब ,
डरावनी
हो गयी ,
कलम
ने ही इतिहास को संजोया था ,
कलम
ने ही इतिहास का निर्माण भी किया था ,
इतिहास
जो स्वर्णिम था ,
कलम
आज भी इतिहास निर्मित कर रही ,
पर
कैसा इतिहास , आज का कला ,
स्याह
इतिहास , काला इतिहास ,
हमें
अपने इतिहास पर आज गर्व है ,
चिंतन
बस इतना कर लो ,
आने
वाली पीडी भी भविष्य में ,
गर्व
कर पायेगी ,
आज
के इस वर्तमान पर ,
जो
तब होगा उसके लिए इतिहास
विनोदभगत
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