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Friday 17 February 2012

बचपन की तलाश


आओ चले बचपन की तलाश में ,
सड़क किनारे मिलेगा ,
गंदा सा , छूने को भी जिसे ,
मन ना करेगा ,
अपने बचपन की यादें ,
कितनी सुनहरी थी ,
आह क्या ऐसा बचपन ,
फिर जी पाएंगे ,
असंभव को संभव नहीं कर सकते ,
परन्तु सड़क किनारे खड़े ,
किसी रोते बच्चे को लगा गले ,
क्या अपने बचपन के दिन लौटा पाएंगे
                             विनोद भगत

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