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Saturday 20 April 2013

दरिंदों की सभा


बड़ा गंभीर विचार
दरिंदों की सभा में,
होने लगा था ,
सारे दरिन्दे चिंता में थे ,
अरे ये क्या हो रहा है ,
आदमी हमारी बराबरी पर है ,
हमारी जात पर भीषण ख़तरा है ,
आओ हम सब मिलकर एक हो जाए ,
आदमी को उसकी असली औकात बताएं ,
एक दरिन्दे को अपना प्रतिनिधि बनाकर भेजें ,
यह क्या आदमी के पास जाने के लिए
तैयार नहीं था कोई दरिंदा ,
सब डर रहे थे ,
आखिर कौन जाएगा आदमी के पास ,
सारे दरिन्दे इसी सोच में डूबे थे ,
दरिंदों के चेहरों पर आदमी का खौफ ,
साफ़ नज़र आ रहा था ,
आदमी जो दरिंदों से डरता था ,
आज उसी आदमी के नाम से ,
दरिंदों की हवा संट थी ,
दरिंदें , बहुत परेशान हैं ,
आदमी का क्या करें ,

विनोद भगत

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