अपहरण हो रहा महापुरुषों का सरेआम
संगठित गिरोह बनाकर
एक भी महापुरुष नहीं बचा
तमाम महापुरुष हो चुके अपह्रत
दल और संगठन मिलकर
कर देते सीमित बेचारे महापुरुषों को
जो देते रहे जीवनपर्यंत एकता का संदेश
वही बेचारे बंट गये जातियों धर्मों में
नीतियों और आदर्शों की धज्जियां उधेड़ते
अपहरणकर्ता अट्टहास करते दिन रात
रोती आत्मा नहीं देखता कोई
महापुरुष ऐसे थे क्या
जैसे आज उनके छद्म अनुयायी हैं
-विनोद भगत
संगठित गिरोह बनाकर
एक भी महापुरुष नहीं बचा
तमाम महापुरुष हो चुके अपह्रत
दल और संगठन मिलकर
कर देते सीमित बेचारे महापुरुषों को
जो देते रहे जीवनपर्यंत एकता का संदेश
वही बेचारे बंट गये जातियों धर्मों में
नीतियों और आदर्शों की धज्जियां उधेड़ते
अपहरणकर्ता अट्टहास करते दिन रात
रोती आत्मा नहीं देखता कोई
महापुरुष ऐसे थे क्या
जैसे आज उनके छद्म अनुयायी हैं
-विनोद भगत
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