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Saturday 10 November 2012

अग्नि परीक्षा ,


त्रेता युग से कलयुग तक ,
सीताओं ने ही दी है अग्नि परीक्षा ,
किसी राम ने अग्नि परीक्षा देने की
जरुरत ही नहीं समझी ,
राम तो अग्नि परीक्षा लेने के लिए हैं ,
अग्नि परीक्षा लेकर भी सीताओं को
वन में भटकना पड़ता है ,
सीता आज भी अग्नि से होकर आती है ,
सीता औरत थी , राम पुरुष थे ,
पुरुष को है अधिकार त्रेता युग से ही ,
अग्नि परीक्षा लेने का ,
अगर आज सीता देती है अग्नि परीक्षा ,
यही तो है हमारी परंपरा ,
हम यही जानते हैं , हम यही पढ़ते हैं ,
आखिर राम हमारे आदर्श हैं ,
मर्यादा हैं , मर्यादा का पालन करेंगे ,
हाँ , हम सीता की अग्नि परीक्षा लेते रहेंगे ,
सदियों तक , युगों तक ,
पर याद रहे हम आगे बढ़ रहे हैं ,
परम्परा पुरानी निभा रहे हैं ,
अपने मतलब के लिए गढ़ते है
शब्दों ग्रंथो के अर्थ ,
हम कभी नहीं देंगे अग्नि परीक्षा ,
पुरुष होने मात्र से हम पवित्र है ,
नारी देवी है ना ,
इसलिए अग्नि परीक्षा देती आयी है ,
विनोद भगत