मैं
सुबह तैयार हुआ ,
मोज़े
पहन कर जूते की ओर,
हाथ
बढाया ,
जूता
अकड़ गया ,
मुह
बिगाड़ कर बोला ,
मुझ
पर पोलिश कर चमका ले ,
अब
मैं और मेरी बिरादरी मामूली नहीं ,
बड़ी
बड़ी सभाओं में मेरा इस्तेमाल होता है ,
टी
.वी. चेनलों न्यूज़ में मेरा चर्चा होता है ,
मुझ
पर धूल अब मुझे बर्दास्त नहीं ,
बड़े
बड़े नेता , अमरीका का रास्ट्रपति भी ,
नहीं
बच पाता मुझसे ,
अब
मै भी वी. आई. पी. हो गया हूँ ,
दुनिया
मै अब मेरी भी इज्ज़त है ,
आदमी
ने ही मुझे पैर से उठाकर मंच तक पहुंचाया है ,
वाह, आदमी तुझे धन्यवाद ,
तुने
अपने कर्मों से मुझे कहाँ से कहाँ पहुंचाया है
विनोदभगत
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